कारवाँ इश्क़ का
By Amreshwar Srivastava
[Bhanu]
कैसे समझाऊँ उन्हें मेरे दर्द का मतलब,
जो अब हर बार बस मतलब की बात करते है।।
भानू श्री...
जाने कैसे ढूँढू मैं मेरे दिल के सरताज को,
जो खुद अपना दिल मुझे गिरवी दिए बैठा है।।
भानू श्री...
मसला ही कुछ ऐसा था इश्क़ का साहब,
हम बस उन्हें निहारते रहे,
और वो है कि इस दिल का हाल पढ़ लिए।।।
भानू श्री।।।
'अतीत के पन्ने पलटकर देखता हूँ तो यक़ीन नहीं कर पाता..
स्याही का रंग उड़ चुका है,
कागज़ पीला है और यादें हरी हैं..
भानू श्री...
काश घूंघट का चलन उन मर्दो पे होता,
जो अदबी रूप को भी शर्मसार करते हैं।।
भानू श्री...
बिक रहा है पानी, पवन बिक न जाए,
बिक गयी है धरती, ग गन बिक न जाए
चाँद पर भी बिकने लगी है जमीं
डर है की सूरज की तपन बिक न जाए ,
हर जगह बिकने लगी है स्वार्थ नीति,
डर है की कहीं धर्म बिक न जाए ,
देकर दहॆज ख़रीदा गया है अब दुल्हे को ,
कही उसी के हाथों दुल्हन बिक न जाए ,
आदमी मरा तो भी आँखें खुली हुई हैं
डरता है मुर्दा , कहीं कफ़न बिक न जाए।............
भानू श्री...
इस रंग बदलती दुनियां में,
हर शख्श शर्मशार है ,
क्यू दिलो में आज भी नफरते
बरक़रार है ।
ना किसी का इख़्तियार है ,
न किसी पे ऐतबार है ।
मिट्टी का है हर इंसान यहाँ ,
मिट्टी का ये दयार है ।
फिर भी प्यार के बदले
क्यूँ पनप रहा गुमार है ।
भानू श्री...
प्रीतम तू मेरी मेहँदी चूड़ी
माथे का सुहाग,
तुझसे जुड़ा हर सुख दुख मेरा
और मेरा अनुराग ।
प्रीतमा तू मेरी दर्पण अर्पण
और मेरी सहभागी,
तुझसे है ये जीवन मेरा
मैं तेरा अनुरागी ।
चुपके से मेरी ख़ामोशी सुन लेते तो क्या बात थी,
सपने मोहब्बत के फिर बुन लेते तो क्या बात थी।
बहता रहा मैं हवाओ में तेरा साज़ बनके,
काश तुम वो धुन सुन लेते तो क्या बात थी ।
जाने क्यू हम दिल का वज़ीर भी उसे ही बनाते है
जो हर बार हारने पे हमे मजबूर करता है ।
तू मेरी कहानी का अनकहा सा किस्सा है,
मैंने कहा, मुझपे करम है तेरा तुम साँसों में बसते हो,
उसने कहा, ये वहम है तेरा तुम मुझसे उम्मीद ही क्यू रखते हो ।
Wow bhanu , awesome lines
ReplyDeleteThanks, Appreciate always
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