आजमाने को तो पूरा जहाँ पड़ा है
जाने क्यू हम रंग उन्ही में ढूढते है जो हर बार हमें बदरंग कर देते है ।


Hum chahte whi hai Jo humare kishmt me nhi
But milta whi hai Jo uparwala chahta hai


ऊपर वाले की डोर में भी कुछ बंदिशे है शायद,
तभी वो अपनों को दूर और गैरो को करीब लाता है


: Humne bhi ajmaya hai bhuto ko ,
Dhokha wahi dete hai Jo sabse krib hote hai


क्यू बिछाते हो ये झूठी फ़िकर का शामियाना,
क्या अब भी बाक़ी है कुछ और आजमाना ।


Jinki ankhe ansuwo se nam nhi kya smjhte ho use koi gum nhi ,
Tum tut kr ro diye to kya ,
Hans Ke gum chipane wala bhi kuch kam nhi ...


मुझे घमंड था

की मेरे चाहने वाले बहुत है इस दुनिया में,

बाद में पता चला
की सब चाहते है अपनी ज़रूरत के लिए..
☄☄


फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,

मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,

मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है....


*यूँ हीं रंजिशों में गुज़र रही है ज़िन्दगी,*
*कभी तुम ख़फ़ा, और कभी हम ख़फ़ा !!*


मेरी आँखो में नमी भी है
और तेरे दूर जाने की कमी भी


गलत कहते है लोग की सफेद रंग मै वफा होती है यारो,

 अगर ऐसा होता तो आ"नमक", जख्मो की दवा होती...!





Aasman itni bulandi pe jo itrata h
Bhool jata hai zameen se hi nazar aata h














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